ट्रिंग....., ट्रिंग.....,दरवाजे की घंटी बजी

ट्रिंग....., ट्रिंग.....,दरवाजे की घंटी बजी,  खट, दरवाजा खुला और एक महिला सरररर... से अंदर आई। मैं कुछ बोल पाती उससे पहले ही वो सीधे किचन के पास बनी बालकनी में पहुँच गई। मैंने दरवाजा बंद किया, तब तक उसने अपना काम शुरू कर दिया। 

यह है हमारी पंचकूला आंटी, जो घर में बर्तन और साफ-सफाई का ध्यान रखती है। जैसे ही वो बालकनी में पहुँचती है, सबसे पहले होता है नल चालू। पोछे के लिए बाल्टी भरती रहती है और उसी के साथ बर्तन पानी में भीगते है।

झट पोछे का कपड़ा उठाया और पोछा शुरू। अब आप सोच रहे होंगे कि झाडू कब लगेगी? अजी, झाडू हमारी माताजी खुद लगाती है। कभी आंटी के साथ-साथ, तो कभी जल्दी। 

अब ज़रा गौर फरमाइयेगा, जब कभी पोछा और झाडू साथ चल रहे होते है, तब होता है देखने लायक दृष्य। आगे-आगे झाडू लेकर हमारी माताजी और पीछे -पीछे पोछा लगाती आंटी।

इस बीच यदि झाडू लगाने में थोड़ी देर हो जाए, तब... हां जी तब...आता है असली  मज़ा। 

आंटी: अब तक क्या कर रई थी तो पता नई? जल्दी लगा झाडू।

माताजी: हाँ बाबा.... 

माताजी कोई सफाई दे उसके पहले ही.... 

आंटी: लेट उठी होएंगी, तेरेको पता नहीं क्या मेरा टेम? 

माताजी:  सुबह उठ तो गई, लेकिन दूसरे काम में रह गई। 

आंटी: वो सब मेरेको मत बता, झाडू लगा जल्दी।

अब  शुरु होती है, दोनों की मजेदार बातें।

जैसे पोछा लगा, बस! कुछ देर में बर्तन भी साफ। 

आंटी: मैं जा रई रे। 

बोलने की देरी थी कि आंटी दरवाजे के पास, खट, दरवाजा खुला और हमारी आंटी का दूसरे घर में काम शुरू।

यह है स्वावलंबी महिला। जो अपने काम से काम रखती है, ना किसी से बक-झक, ना किसी से लाग-लपेट। रोज़ाना किसी प्रोफेशनल की तरह सुबह 6 बजे से दोपहर 2 - 2.30 बजे तक कई घरों में सफाई का काम करती है।

ऐसी ही अनके महिलायें हैं, जो घरों में पूरी जिम्मेदारी के साथ काम कर रही हैं। जो आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी है। जो अन्य महिलाओं को प्रेरणा देती नज़र आती है।


टिप्पणियाँ

Himanshu ने कहा…
बहुत बढ़िया 👌
Ashish Ranjan ने कहा…
सुदृढ़ पटकथा ... बहुत बढिया
Sapanasingh Chandel ने कहा…
Bahot hi parkhi najar rojmara kki dincharya bahot hi prenadayi hoti h bas najariya hona chahiye badhiya keep it up
Pawan Kumar ने कहा…
Wah Rajmata...Nice story
ट्रिन ट्रिन ने कहा…
प्रेरणा दाई पटकथा,आत्मनिर्भर बनाने का।
Suman mishra ने कहा…
Bahut hi badiaa
shishir deshmukh ने कहा…
बढिया है
Unknown ने कहा…
Khup chaan...story she
Like it..
Unknown ने कहा…
Khup chaan...story ahe
Like it..
Unknown ने कहा…
Ladies ko atmhanirbhar hona chahiye aur is chhoti si story ne apne ghar kam kar rahi maid ke prati respect aur badh gayi.
RANA DIGVIJAY BAHADUR SINGH ने कहा…
Waah Ye bhi theek hai.....aatmanirbhar se jyada Ye aunty to hitler aunty lag rhi hai....😉outstanding gurumaata....
Abhishek Tiwari ने कहा…
अब ऐसे संभाषण और संबंध बहुत कम ही देखने मिलते है. पहले घर में काम करने वाली बाई परिवार की सदस्य मानी जाती थी. भले माँ के साथ कितनी भी तू-तू-मैं-मैं हो जाए. लेकिन बढ़िया ढंग से प्रस्तुत किया वर्षा. 💐👍🏻
Abhishek Tiwari ने कहा…
अब ऐसे संभाषण और संबंध बहुत कम ही देखने मिलते है. पहले घर में काम करने वाली बाई परिवार की सदस्य मानी जाती थी. भले माँ के साथ कितनी भी तू-तू-मैं-मैं हो जाए.बढ़िया ढंग से प्रस्तुत किया वर्षा. 💐👍🏻

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